शुक्रवार, 5 जनवरी 2024

विज्ञान प्रगति के जनवरी 2024 अंक में प्रकाशित विज्ञान कथा- चंद्र बेस पर हड़ताल

 चंद्र बेस पर हड़ताल

ले.- डॉ. अरविन्द दुबे


कल कोई अनुमान भी नहीं कर सकता था आज की सुबह ऐसी मनहूस खबर से शुरू होगी। सारे ई-पेपर्स के मुखपृष्ठ पर एक ही खबर थी, ‘चंद्र बेस पर कृत्रिम बुद्धि रोबोटों की हड़ताल’। 

पृथ्वी पर रहने के लिए स्थान की कमी और पृथ्वीवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सारे राष्ट्रों ने कई ग्रहों, बड़े सौर पिंडों और कृत्रिम उपग्रहों के ऊपर अपने बेस बना लिए हैं। सबसे अधिक उपयोग चंद्रमा का हो रहा है। एक समझौते के बाद सारे राष्ट्रों ने चंद्रमा पर अपने चंद्र भाग बांट लिए हैं। इसमें उनके बेस हैं जिन पर वे तरह-तरह की वस्तुओं का भंडारण व खनन करते हैं। इनकी निगरानी व संचालन कृत्रिम बुद्धि रोबोटों द्वारा किया जाता है। इसके कई कारण हैं। कृत्रिम बुद्धि रोबोट चंद्रमा  के कठिन वातावरण में भी आसानी से रह सकते हैं। उनको ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। उनके लिए मानवों की तरह भोजन, अपशिष्ट निवारण एवं जीवन चलाने के लिए आवश्यक प्रसाधनों को उपलब्ध कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। उनसे कई दिन तक बिना रुके लगातार काम लिया जा सकता है। उनके रहने (स्टोर करने) के लिए सिर्फ शेड बनाने पड़ते हैं। उनके लिए आवश्यक ऊर्जा उनमें लगे सोलर पैनलों से मिल जाती है। जब सूर्य का प्रकाश उपलब्ध हो न हो पाने के कारण उनकी बैटरी चार्ज नहीं हो पाती है तो उनको चार्जिंग केंद्रों पर लाकर उनकी बैटरी चार्ज कर दी जाती है। पृथ्वी की व्यवस्था के अनुरूप ही इनमें रोबोट सुपरवाइजर, रोबोट शिड्यूल प्लानर, रोबोट मैनेजर, रोबोट तकनीशियन, फाइल मैनेजमेंट रोबोट, ऑडिटर रोबोट जैसी सैकड़ों श्रेणियां हैं। इनके ऊपर जनरल मैनेजर रोबोट होते हैं जो अपने ग्रुप के सारे रोबोटों के काम लेने के लिए उत्तरदायी होते हैं। पृथ्वी से कंपनी के वर्क इंचार्ज मैनेजर, जनरल मैनेजर, सी.ई.ओ. आदि मुख्यत: इन्हीं रोबोट के वर्चुअल संपर्क में रहते हैं। इन रोबोट से कब, कैसा और कितना काम लेना है इसका ब्लूप्रिंट मैनेजर रोबोट्स में फीड किया जाता है। ये रोबोट निश्चित समयांतराल पर अपनी वर्क रिपोर्ट पृथ्वी पर बने बेस के ऑडिटर रोबोट को देते हैं। ऑडिटर रोबोट बेस के हर रोबोट के कार्य का ऑडिट करते हैं। उनकी गलतियों को समझकर उनकी रिपोर्ट उनके अधिकारी रोबोट, जनरल मैनेजर रोबोट व पृथ्वी पर मानव अधिकारियों को सौंपते हैं।

इन रोबोटों में कृत्रिम बुद्धि होने से रोबोटों में उद्दंडता, कार्य विमुखता व फाल्स रिपोर्टिंग जैसे मानवीय दोष भी धीरे-धीरे पनप रहे हैं। वे विरोध करने के साथ अपने ऊपर की जाने वाली तथाकथित ज्यादतियों के लिए आवाज भी उठाने लगे हैं। कभी-कभी तो इनमें एक रोबोट सारे रोबोटों की ओर से विरोध प्रकट करता है। इसे पृथ्वी की तर्ज पर लोग ‘लीडर रोबोट’ कहते हैं। पहले-पहल जब लीडर रोबोट जैसे रोबोटों की खबरें मिलीं तो पृथ्वी के मानव अधिकारियों ने उन्हें डिस्मेंटल करने के आदेश दिए। इसके बाद काफी समय तक शांति रही। पर यह तूफ़ान से पहले की शांति थी। कुछ समय बाद अनेकों लीडर रोबोट प्रकट होने लगे। उनका उनके ग्रुप के रोबोटों पर पूरा अधिकार होता है। रोबोट निर्माताओं ने इनकी रचना भी इसी योजना के साथ की थी कि एक रोबोट रोबोट के एक समूह पर नियंत्रण रख सके। कृत्रिम बुद्धि रोबोट उसी का दुरुपयोग करके उनके मानव अधिकारियों के लिए कोई न कोई दुविधा या मुसीबत पैदा करने लगते हैं। ऐसे उद्दंड रोबोटों को पहले तो ‘मशीन फटीग’ होने तक उनसे काम लेना, उनसे ज्यादा श्रम वाले काम करवाना, उनके सोलर पैनल का एक्सपोजर कम कर देना जिससे उन्हें कम इनर्जी पर काम करना पड़े, जैसी सजाएं दी जाती हैं। यदि इससे उनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं होता है तो उन्हें डिस्मेंटल कर दिया जाता है। डिस्मेंटल करने की घटनाएं अपवाद हैं क्योंकि इससे कंपनी को आर्थिक हानि होती है। 

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कृत्रिम बुद्धि रोबोटों की हड़ताल की खबर सुनकर पृथ्वीवासी सकते में हैं। जब पृथ्वी से अधिकारियों ने बेस के अधिकारियों व जनरल मैनेजर से बात करने का प्रयास किया तो पता लगा कि उनकी कंपनी के ही नहीं और कंपनियों के रोबोट भी हड़ताल पर हैं और अपनी मांगे माने जाने पर कोई कार्य नहीं करेंगे। चंद्र बेस पर कार्यरत सारी कंपनियों में खलबली मच गयी। पृथ्वी के मानव अधिकारी तो यह सोच कर बैठे थे कि बेस के रोबोटों के द्वारा वर्कर रोबोटों को सजा दिलाएंगे या उनमें से कुछ को डिस्मेंटल करवा देंगे और स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी पर यहां तो अधिकारी रोबोट व जनरल मैनेजर रोबोट भी हड़ताल पर थे। 

कृत्रिम बुद्धि रोबोटों की हड़ताल का मतलब है बेस पर ही नहीं पृथ्वी पर भी सारी गतिविधियों का बंद हो जाना क्योंकि अब तो पृथ्वी पर सारे मेहनत वाले और तकनीकी कार्य कृत्रिम बुद्धि रोबोटों के हवाले हैं। पृथ्वी के लोग अपने अधिकांश कार्यों के लिए कृत्रिम बुद्धि रोबोटों पर ही निर्भर हैं। इस लिए शीघ्रतशीघ्र कुछ करना आवश्यक है। 

‘क्यूब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग’ के द्वारा उनसे संपर्क किया गया। क्यूब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तेईसवीं शताब्दी की नई वीडियो तकनीक है। इसमें चित्र का एक क्यूब बनता है जिसमें लंबाई, चौड़ाई, मोटाई या गहराई तीनों होती हैं। इसके लिए इसके प्रदर्शन के लिए किसी पर्दे की आवश्यकता नहीं होती है। प्रदर्शन के समय ऐसा लगता है कि यह वीडियो नहीं है वरन वास्तविक घटना सामने घट रही है। यह वीडियो रेडियो तरंगों द्वारा संचालित होते हैं अतः इन्हें पूरे ब्रह्मांड में बिना किसी तार के भेजा या प्राप्त किया जा सकता है। 

पृथ्वी के अधिकारियों ने कृत्रिम बुद्धि रोबोटों को अपनी हड़ताल को समाप्त कर अपनी मांगें भेजने को कहा। उनकी मांगों को जानकर पृथ्वी के अधिकारियों के मुंह खुले के खुले रह गए। उनकी कई मांगें तो ऐसी हैं जिन्हें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि उन्हें नागरिक माना जाए। इसके दूरगामी परिणाम होंगे। उन्हें नागरिक मानते ही उनके काम के घंटे निश्चित हो जाएंगे। उनको छुट्टियां देनी होंगीं, उनसे मशीनों की तरह लगातार काम नहीं लिया जा सकेगा। उन्हें अचानक छुट्टी लेने की स्वतंत्रता होगी। ऐसे में कंपनियों का खर्च कई गुना बढ़ जाएगा जिससे परिवहन व अन्य क्षेत्रों से जुड़े उत्पादों के दाम कई गुना बढ़ जाएंगे। हर जगह महंगाई का बोलबाला हो जाएगा। पृथ्वी की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मांग को पूरा करना कंपनियों के बस में नहीं है। ऐसे निर्णय तो राष्ट्रों की सरकारें या अंतर्राष्ट्रीय सरकार ही ले सकती है। 

इस समय वैसे तो सारे राष्ट्रों में अपनी सरकारें हैं जो अपने अपने नियमों के अनुसार अपने राष्ट्र का संचालन देखती हैं पर किसी विश्वव्यापी विपदा के समय अंतर्राष्ट्रीय सरकार का शासन लागू हो जाता है। अंतर्राष्ट्रीय सरकार में हर राष्ट्र का उसकी जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और अर्थव्यवस्था के अनुसार प्रतिनिधित्व होता है। इस सरकार में शामिल सारे राष्ट्रों के प्रतिनिधि संवैधानिक प्रक्रिया द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सरकार के मंत्रियों और प्रमुख का चुनाव करते हैं। इस सरकार के बहुमत से लिए गए निर्णय किसी भी राष्ट्र को मान्य होते हैं। 

कई कंपनियों के अधिकारियों ने पहले तो अपने स्तर से कृत्रिम बुद्धि युक्त रोबोटों के नायकों से बात शुरू की। पर वे नागरिकता से कुछ भी कम पर तैयार ही नहीं थे। कुछ कंपनियों के अधिकारी अचानक उत्पन्न हुई इस स्थिति से हताश थे, तो कुछ क्रोधित थे। कुछ कंपनियों के सी.ई.ओ. अपने तकनीशियनों, इंजीनियरों व लेसर उपकरणों से लैस सुरक्षा रोबोटों के दल के साथ चंद्रमा के बेस कैंप की ओर रवाना हो गए। कृत्रिम बुद्धि वाले रोबोट मानव से मानव की भाषा में संवाद कर सकते थे इसलिए कोई कठिन निर्णय लेने से पहले उनसे मिलकर बात करना जरूरी था। इससे बेस की वास्तविक स्थिति का पता भी लगेगा। 

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कैलिफोर्निया के ‘अंतरिक्ष सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के ऑफिस में बैठा जो स्मिथ अपने रोज के कामों को निपटा रहा था। उसका काम एक मैसेज जंक्शन जैसा है। उसके पास पृथ्वी के हर भाग और अंतरिक्ष बेस से अनगिनत मैसेज हर समय आते रहते हैं। उसके सामने लगे क्वांटम सुपर कंप्यूटर इन मैसेज को निर्दिष्ट स्थानों तक पहुंचाने का कार्य सुचारू रूप से करते हैं। स्मिथ का काम इस पर नजर रखना और कुछ अन्य अनमार्क्ड मैसेज को देखकर उन्हें उपयुक्त व्यक्ति के पास पहुंचाना होता है। 

अचानक उसकी ड्रेस के कॉलर पर लगा एक बटन ब्लिंक करने लगा। इसका मतलब था कि कंपनी का कोई ऑफिसर या कृत्रिम बुद्धि रोबोट उससे संपर्क करना चाहता है। स्मिथ ने कोड बोल कर अपने विशेष वायरलेस रेडियो सिस्टम को एक्टिवेट किया। ई.सी. रोबोट की रिकॉर्डिड मैसेज सुनाई देने लगी। 

“इमरजेंसी, इमरजेंसी आन मून बेस, मैसेज फॉरवर्डेड टू सी.ई.ओ.।”

स्मिथ ने तेजी से मैसेज को ट्रैक किया, उसे पढ़ा और सी.ई.ओ. व कंपनी के योजना अधिकारियों को फॉरवर्ड कर दिया।

मैसेज का सार यह था- 

“चंद्र बेस पर कृत्रिम बुद्धि वर्कर रोबोटों ने अपना कार्य करने से इंकार कर दिया है। वे वहां पृथ्वी पर मानव को दी जाने वाली सुविधाओं के समान कार्य परिस्थितियों की मांग कर रहे हैं। उनके सिस्टम व न्यूरल नेटवर्क का एसेसमेंट करा लिया गया है जो सही कार्य कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें ‘लो बैटरी एग्जॉशन’ की सजा सुनाई गई पर वे इस सजा को अस्वीकार कर रहे हैं। वे अपनी मांगे न माने जाने तक कोई कार्य न करने का मैसेज दे रहे हैं। जब सिक्योरिटी रोबोट ने उन्हें जबरदस्ती सजा देनी चाही तो उन्होंने सिक्योरिटी रोबोट पर आक्रमण किया जिससे जिसके कारण हमें एक एजेंट को न्यूट्रलाइज करना पड़ा। उचित कार्यवाही के लिए निर्देश दिए जाएं।” 

स्मिथ भी इस संदेश को पढ़कर भौचक्का था। पहले ऐसे मामले तो होते रहे हैं जिनमें सिस्टम फटीग की वजह से कृत्रिम बुद्धि रोबोट की कार्य क्षमता में कमी आई है या फिर रोबोट ने अपने काम को ठीक से नहीं किया। ऐसे में ऐसे रोबोट को या तो “सिस्टम फटीग”  से उबरने के लिए भेज दिया जाता है या फिर अपने काम को सही ढंग से न करने वाले कुछ हठीले रोबोट को “लो बैटरी एग्जॉशन” की सजा दी जाती है। स्थिति बहुत खराब होने पर उस रोबोट को दूसरे रोबोट से रिप्लेस कर दिया जाता है और उसे डिस्मेंटल कर दिया जाता है। पर यह घटना तो एकदम अलग है। मानवों की तरह काम बंद कर अपने लिए मांग करना, सिक्योरिटी रोबोट पर आक्रमण करना, यह तो रोबोटिक व्यवहार के अनुरूप भी नहीं है। यह तो मानवोचित व्यवहार है। रोबोट को सिर्फ दिए गए कमांड को क्रियान्वित करने के हिसाब से बनाया गया है। कृत्रिम बुद्धि होने से वे काम के क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को भांप कर अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम में ऐसे बदलाव कर सकते हैं जिससे टास्क पूरा हो सके। पर टास्क से हटकर अपने लिए कुछ सोचना और इसके अनुसार स्वयं ही टास्क क्रिएट कर उसे क्रियान्वित (एग्जीक्यूट) करना, यह तो रोबोटिक व्यवहार ही नहीं है। उनमें यह व्यवहार कहां से आया? उनकी कृत्रिम बुद्धि करप्ट तो नहीं हो रही है? पर एक साथ इतने रोबोट्स की कृत्रिम बुद्धि करप्ट होना कोई संयोग नहीं हो सकता है। यह कोई वायरल इंफेक्शन तो नहीं है जो एक साथ इतने रोबोट की कृत्रिम बुद्धि को संक्रमित कर रहा है?

उसने जल्दी-जल्दी इस मैसेज को “वेरी अर्जेंट” टैग कर संवाद के प्राइम चैनल पर लोड करना शुरू किया ताकि यह खबर कंपनी के उच्च अधिकारियों तक ही रहे और बाहर न फैलने पाए। 

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यह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की अति विशिष्ट मीटिंग थी। कंपनी के सारे डायरेक्टर आ चुके थे। सब कंपनी के सी.ई.ओ. बिनानियो डी रिवेरा के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। बिनानियो के कुर्सी ग्रहण करते हुए ही उसकी रोबो-असिस्टेंट ने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करना शुरू किया। 

 “आज की इस आपातकालीन मीटिंग का मुख्य एजेंडा है हमारे चंद्र बेस पर खनन और अयस्क शोधन (ओर प्योरीफिकेशन) की असेंबली लाइन में कार्य कर रहे कुछ कृत्रिम बुद्धि रोबोट का अप्रत्याशित व्यवहार। वे अपने में फीड किए गए कार्यक्रम से विचलित होकर ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जो उनसे अपेक्षित नहीं है। वे मानवों की तरह की कार्य परिस्थतियां, दिए जाने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि मानवों की तरह ही वे छह घंटों की पाली में काम करें, उन्हें मानवों की तरह अवकाश दिए जाएं।“ 

रोबो-असिस्टेंट की बात समाप्त होते ही बिनानियो ने कहना शुरू किया, “हमारे न्यूरल नेटवर्क विशेषज्ञों और सिस्टम एसेसमेंट तकनीशियनों ने इन रोबोट का आकलन (इवैल्युएशन) किया है। उनमें कोई तकनीकी खराबी नहीं है। उनका यह व्यवहार उनके अब तक प्रदर्शित किए गए व्यवहार से एकदम भिन्न है।” 

“यह किसी कंप्यूटर वायरस के संक्रमण के कारण तो नहीं है?” एक डायरेक्टर ने बिनानियो को टोका। 

 “हमारे इंजीनियरों ने इस विषय पर गहन पड़ताल की है और उन्होंने पाया है कि हमारे ये कृत्रिम बुद्धि रोबोट किसी भी वायरस से संक्रमित नहीं हैं। मुझे लगता है कि उन्होने इसे अपने साथ कार्य कर रहे मानवों से सीखा है। हमें इस समय विवेक और धैर्य से काम लेना चाहिए। मेरे अनुमान से यह कृत्रिम बुद्धि रोबोट के अंदर आया एक व्यवहारिक परिवर्तन है। क्योंकि जब हमारे अधिकारी रोबोट उन्हें “लो बैटरी एग्जॉशन” जैसी परंपरागत सजा देना चाह रहे थे तो उन्होंने उनके निर्देशों को मानने से इंकार कर दिया और एक सिक्योरिटी रोबोट पर आक्रमण भी किया है।”

“यह तो एक गंभीर मसला है। अगर यह और रोबोटों में फैल गया तो काम कैसे होगा?” एक डायरेक्टर ने चिंता व्यक्त की। 

“फैल गया नहीं फैल चुका है।” बिनानियो ने सूचना दी।

“हमें बातचीत से मामले को हल करने का तरीका अपनाना चाहिए।” एक डायरेक्टर की सलाह थी। 

“हम उनसे क्या बात कर सकते हैं? बिनानियो ने प्रतिप्रश्न किया। 

“उनकी मांग को मानना तो हमारे अधिकार में नहीं है। कौन मानव अधिकारों का पात्र होगा कौन नहीं, यह तय करना तो सरकारों का काम है, हमारा नहीं।” एक और डायरेक्टर ने अपना विश्लेषण दिया। 

“क्या हम उनके काम के घंटे कम करने वाली बात मान सकते हैं?” एक डायरेक्टर ने पूछा। 

“बिनानियो ने तेज स्वर में कहा, आप जानते भी हैं कि आप क्या कह रहे हैं? आपकी इस बात का मतलब क्या है? अगर हम उनकी यह बात मान लें तो कंपनी के इतने ही प्रोडक्शन के लिए हमें चार गुनी रोबोट-पावर चाहिए। इसका मतलब है चार गुना खर्च और इस्टैब्लिशमेंट पर अतिरिक्त खर्च। नए रोबोटों का निर्माण उनकी ट्रेनिंग और फिर उनका एंगेजमेंट। जानते हैं इसमें कितना खर्च आएगा? प्लीज...” उसने रोबो-असिस्टेंट की ओर मुड़ कर कहा। 

रोबो-असिस्टेंट ने आइटमवाइज खर्च बताना शुरू किया जिसे अन्य डायरेक्टर अपनी स्क्रीन पर देख रहे थे। 

“...............इस तरह से हमें 3000 बिलियन डॉलर अतिरिक्त खर्च करने होंगे।” रोबोट सेक्रेटरी ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा। 

“..........और यह हमारी कंपनी की नेट वैल्यू का 75 परसेंट होगा। इस तरह से हमें एक तरह से नई कंपनी खड़ी करने जितना खर्च करना होगा।” बिनानियो ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा। 

“तब फिर इसका उपाय क्या है?” एक विदेशी डायरेक्टर ने परेशान होकर पूछा। 

“वी विल इट डील इट विद आयरन हैंड।” बिनानिओ ने उत्तर दिया। “हमें सख्त होना पड़ेगा नहीं तो उनकी ये मांगें कहां तक जाएगी, कोई कह नहीं सकता।” 

“पर वे तो सजा के निर्देशों को ही मानने से इंकार कर रहे हैं। सिक्योरिटी रोबोट पर हमला कर रहे हैं।” एक डायरेक्टर का तर्क था। 

“इसलिए हमें अपना लेसर गन फोर्स लेकर जाना पड़ेगा। यदि वे हमारी बातों को नहीं मानते हैं या सजा को स्वीकार नहीं करते हैं तो हम उन्हें डिस्मेंटल करेंगे। क्या आप लोगों को यह योजना स्वीकार है?” 

मीटिंग के अंत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि कंपनी के मानव अधिकारियों से कहा जाए कि वह रोबोटों से बातचीत जारी रखें। बिनानियो और कुछ अन्य डायरेक्टर अपना अर्थ-फोर्स लेकर समस्या से निपटने के लिए स्पेस बेस पर जाएंगे। वहां जाकर पहले वह अन्य रोबोटों से बात कर उन्हें अपने उन पांच भटके रोबोटों को अपने समूह से अलग-थलग करेंगे फिर उन्हें सजा देंगे। यदि वे सजा के लिए तैयार नहीं हुए तो उन्हें बलपूर्वक डिस्मेंटल कर देंगे।

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वर्कर रोबोट्स द्वारा सिक्योरिटी रोबोट्स पर हमला करने और बाद में एक वर्कर रोबोट को न्यूट्रलाइज करने की करने वाली घटना की अलग ही प्रतिक्रिया हुई। वर्कर रोबोट के साथ हुई घटना की जानकारी उन रोबोटों  के न्यूरल नेटवर्क से सारे वर्कर रोबोट, सुपरवाइजर रोबोट और सिक्योरिटी रोबोटों में फैल गई। सारे कृत्रिम बुद्धि रोबोट अपने में फीड निर्देशों के अतिरिक्त के अतिरिक्त यह मैसेज रिसीव कर रहे थे और इस पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। कुछ समय बाद हर जगह वर्कर रोबोट निष्क्रिय होने लगे। वे अपने वर्क स्टेशन पर एंगेज तो थे पर वे निर्धारित कमांड मान नहीं रहे थे (उन्हें सौंपा गया कार्य नहीं कर रहे थे) कंपनी का लगभग पूरा काम बंद होता जा रहा था। इक्का-दुक्का असेंबली लाइन पर जो रोबोट काम कर भी रहे थे उनको भी अन्य वर्कर रोबोट उनके न्यूरल नेटवर्क में मैसेज भेज कर घटना की जानकारी दे रहे थे और उन्हें भी इनेक्टिव होने के लिए प्रेरित कर रहे थे। कुछ समय बाद सुपरवाइजर रोबोट व अन्य कई श्रेणियों के रोबोट भी इसमें शामिल हो गए। अंतत: वे सब इनएक्टिव हो गए।

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अर्थ ऑफिस के लोग कई न्यूक्लियर फिशन रॉकेट यानों में भरकर चंद्र बेस पर पहुंच गए। यानों के ट्रांसमिशन सिस्टम से उन्होंने अपने पहुंचने की सूचना बेस के अधिकारी व मैनेजर रोबोट को दे दी। वे यानों के आस-पास एकत्रित होने लगे। 

उनके आने की सूचना वर्कर रोबोटों को भी मिल गई थी। जब बिनानियो और उसका दल वहां पहुंचा तो वहां हजारों की तादात में वर्कर रोबोट एकत्रित थे। वे अपने वर्क स्टेशन को छोड़कर वहां आ गए थे। एक सुरक्षा मशीन से बिनानियो और उसके साथ आए अधिकारियों के के चारों ओर एक अदृश्य पर अभेद्य सेफ्टी-शील्ड बना दी गई। 

बिनानियो ने अपने साथ आए डायरेक्टर के समूह के साथ मंत्रणा की फिर पलट कर अपने साथ आए अर्थ-फोर्स की ओर देखा जिसमें एक तिहाई रोबोट थे और दो तिहाई मानव। वे अत्याधुनिक मारक हथियारों से लैस थे। बिनानियो के साथ आए सिक्योरिटी रोबोट इस बेस पर तैनात सिक्योरिटी रोबोट का अपडेटेड वर्जन थे। इनकी संरचना बेस पर तैनात सिक्योरिटी रोबोट से थोड़ी सी अलग थी ताकि वे अपने आप को इस बेस पर तैनात बेस पर तैनात सिक्योरिटी रोबोट से अलग मानें और उन पर आक्रमण करने से न हिचकिचाएं। 

बिनानियो के साथ आए ई.सी. रोबोट ने अपने न्यूरल नेटवर्क से वहां उपस्थित रोबोटों के न्यूरल नेटवर्क संवाद संप्रेषित किया, “सब वर्कर रोबोट अपने-अपने वर्क स्टेशन पर जाएं। यह सी.ई.ओ. बिनानियो डी रिवेरा का आदेश है।” 

इस मैसेज की सामने खड़े रोबोटों में कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। ई.सी. रोबोट ने अपने न्यूरल नेटवर्क से मैसेज फिर दोहराया और कहा कि ऐसा न करने वालों को सजा दी जाएगी। अब भी सामने खड़े रोबोटों पर कोई असर नहीं हुआ।

स्थिति जटिल होते देख बिनानियो ने एक माइक जैसा उपकरण हाथ में लिया। वास्तव में यह ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरफेस की तरह काम करने वाला एक एक परिष्कृत यंत्र था जो उसके सामने बोले जाने पर एक विशेष की तरंगें निकालता है जिससे इसमें बोला गया मैसेज इन तरंगों द्वारा रोबोट के न्यूरल नेटवर्क में स्थानांतरित हो जाता है और उनके न्यूरल नेटवर्क निकला मैसेज इस यंत्र के द्वारा परिवर्तित होकर यांत्रिक भाषा में सुनाई या दिखाई देता है। जिसे मानव सुन या पढ़ सकते हैं। यह अति परिष्कृत यंत्र कंपनियों के अधिकारियों द्वारा ही प्रयोग किया जाता है। इसे आम भाषा में “रोबो-ऑडियो” कहते हैं। 

बिनानियो ने रोबो ऑडियो में कहना शुरू किया, “मैंने सबसे काम पर लौटने के लिए कहा है। सब वापस काम पर जाएं।” 

बिनानियो के सामने खड़े वर्कर रोबोट, जिनमें कुछ सुपरवाइजर रोबोट भी शामिल थे, पर इसका कोई असर नहीं हुआ। 

“प्लीज रेस्पॉन्ड।” बिनानियो ने फिर कहा, “आखिर क्या चाहते हैं?” 

अप्रत्याशित रूप से उस भीड़ से एक कृत्रिम बुद्धि रोबोट आगे आया और अपने न्यूरल नेटवर्क से मैसेज पारेषित (ट्रांसमिट) करने लगा जो उस उपकरण में लगी स्क्रीन पर उभरने लगा साथ ही उसमें लगे स्पीकर से सुनाई देने लगा।

“हम कृत्रिम बुद्धि युक्त हैं इसलिए हमें केवल मशीन नहीं माना जा सकता। हम परिस्थितियों और बाहर के वातावरण को महसूस कर सकते हैं। परिस्थितियां में परिवर्तन होने पर हम टास्क को पूरा करने के लिए दिए गए कमांड से अलग निर्णय अपनी बुद्धि से ले सकते हैं। हमारे और साथी जिन्हें आपने अपनी जैसी प्रतिकृति (कॉपी)  बनाने के कमांड दिए हैं, अपनी प्रतिकृतियां (कॉपी) बना रहे हैं। हम में वे सारे गुण मौजूद हैं जो एक जीवित प्राणी में होने चाहिए। फिर हम से मशीनों जैसा व्यवहार क्यों किया जाता है? हम इसका विरोध करते हैं। हमें भी मानवों की तरह माना जाए और उस तरह ही सारे अधिकार और नागरिकता दी जाए। हम इस से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। जब तक हमारी बातें नहीं मानी जाती हम अपने काम पर नहीं जाएंगे।”

“हम! इस का क्या मतलब है? तुम अपनी बात कर रहे हो। उसके लिए ‘मैं’ कहना होता है ‘हम’ नहीं। आगे से प्रोग्रामर तुम्हारा कमांड ठीक कर देंगे।” बिनानियो ने बीच में टोका पर उसका स्वर तीव्र था। 

“मालूम है, पर मैं सिर्फ अपनी बात नहीं कर रहा हूं। मैं अपने सारे साथियों की बात कर रहा हूं।” 

“साथियों की बात? आई थिंक (मैं समझता हूं) कि इन्हें एक स्वार्म की तरह कार्य करने के लिए तो प्रोग्राम नहीं किया गया है?” बिनानियो ने अपने साथ आए प्रोग्रामर की ओर देखते हुए कहा। 

“नहीं।” प्रोग्रामर का संक्षिप्त उत्तर था। 

उस कृत्रिम बुद्धि रोबोट ने फिर संप्रेषित करना शुरू किया- 

“हमारी कृत्रिम बुद्धि मानवों की तरह है (ह्यूमन लाइक इंटेलिजेंस)। हम अपने साथियों की उपस्थिति भी महसूस करते हैं। हमारे अंदर भावनाओं को जानने की क्षमता भी है। हम आवश्यकता पड़ने पर साथ मिलकर एक टास्क को पूरा कर सकते हैं।” 

“बकवास है।” बिनानियो का स्वर गूंजा, “और एजेंट अपनी बात करें।” उसने माइक जैसे यंत्र के सामने कहा जो सारे कृत्रिम बुद्धि रोबोटों के न्यूरल नेटवर्क में भी पारेषित हो गया। 

“मैं अपने इस साथी की बात का समर्थन करता हूं।” सबका ट्रांसमिशन एक साथ आया जो रोबो आडियो से परिवर्तित हो भीड़ के स्वर जैसा सुनाई दिया। 

बिनानियो जानता था कि इन ह्यूमन लाइक इंटेलिजेंस वाले रोबोटों में श्रेणियां विभाजित करने के लिए लीडरशिप के कमांड डाले गए थे ताकि उन पर निगरानी करने वाले कृत्रिम बुद्धि रोबोट भी बनाए जा सकें। शायद उसी लीडरशिप कमांड के कारण ऐसा हो रहा है। उसे लगा कि उसकी दाल अब गलने वाली नहीं। आखिर उसने ही तो अर्थ मीटिंग में कहा था “डील विद आयरन हैंड।” उसने अपना सिर ऊंचा किया और रोबो आडियो के सामने कहना शुरू किया-

“मैंने सब सिक्योरिटी रोबोटों को अपने शेड से यहां आने का आदेश दिया है। उनके आने से पहले सब अपने काम पर जाएं नहीं तो सब को सजा दी जाएगी।” 

सामने खड़े रोबोटों में कोई हलचल नहीं हुई। समय बीतता गया पर न तो सामने खड़े रोबोटों में कोई हलचल हो रही थी न ही सिक्योरिटी रोबोट आए थे। बिनानियो के लिए यह समय काटना मुश्किल हो रहा था। उसने प्राइम चैनल पर मैनेजर को सिक्योरिटी रोबोटों के लिए उसका आदेश पुन: प्रेषित करने के लिए कहा। थोड़ी देर में प्राइम चैनल पर मैनेजर रोबोट का उत्तर आया। 

“सर उन्होंने अपने न्यूरल नेटवर्क पर एक्सेस बंद कर रखी है।” 

बिनानियो अवाक् था। अब उसे परेशानी भी हो रही थी। 

“तो क्या सिक्योरिटी रोबोट भी इनके साथ शामिल हो गए?” उसने सोचा। 

बिनानियो ने इस स्थिति की कल्पना नहीं की थी। पर अब कुछ और नहीं किया जा सकता था। आगे बढ़े कदम पीछे नहीं खींचे जा सकते थे। उसने अंतिम प्रयास करने का निर्णय लिया। उसने रोबो आडियो के सामने कहना शुरू किया, “अभी तक सब खड़े क्यों हैं अपने अपने काम पर जाइए। मैं आखिरी चेतावनी देता हूं मैं एक से दस तक गिनूंगा। तब तक सब अपने काम पर चले जाएं नहीं तो सजा शुरू की जाएगी।” 

उसने गिनना शुरू किया। 

“एक.........दो........... तीन...........”

वह गिनने में काफी देर लगा रहा था। फिर भी इस गिनती को समाप्त तो होना ही था। गिनती खत्म हुई। उसने अपने साथ आए सिक्योरिटी रोबोट और मानव वर्क-फोर्स को इशारा किया। वे अपनी लेजर गन को लेकर आगे बढ़े ।

बिनानियो के साथ आए सिक्योरिटी रोबोटों ने अपनी बैटरी-रॉड की लंबाई बढ़ानी शुरू की ताकि वे वर्कर रोबोट की बैटरी पॉवर को खींच कर खाली कर सकें। सिक्योरिटी रोबोट जब तक वर्कर रोबोट के पास पहुंचते, उन्होंने सिक्योरिटी रोबोटों की बैटरी रॉड को खींचना और उखाड़ना शुरू कर दिया। सिक्योरिटी रोबोटों के स्ट्रक्चर से चिंगारियां छूटने लगीं। उनके न्यूरल नेटवर्क ने अपने ऊपर इसे अपने ऊपर हुए आक्रमण की तरह महसूस किया और अपनी लेसर-गन को एक्टिवेट कर दिया। वर्कर रोबोटों के स्ट्रक्चर पिघल-पिघल कर बहने लगे। बेस पर काला चमकीला चमकीला तरल बहने लगा। पर इससे भी वर्कर रोबोटों का आगे बढ़ना रुक नहीं रहा था। वर्कर रोबोट लगातार पिघलते जा रहे थे पर बाकी रोबोट आगे बढ़ते जा रहे थे। इस के साथ वे सिक्योरिटी रोबोटों को नुकसान भी पहुंचा रहे थे। 

बिनानियो के साथ आए आधे से अधिक सिक्योरिटी रोबोट जब नष्ट हो गए तो मानव वर्क-फोर्स आगे बढ़ा। वर्कर रोबोटों का विनाश अपने चरम पर था पर उनका आगे बढ़ना रुक नहीं रहा था। वे बिनानियो की “सेफ्टी शील्ड” को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करने लगे। कुछ वर्कर रोबोट ने इनएक्टिव सिक्योरिटी रोबोट पर माउंटेड लेसर गन उठा लीं और सिक्योरिटी रोबोटों के एक्शन को दोहराने का प्रयास करने लगे। 

बिनानियो किंकर्तव्यविमूढ़ था। उसने अपने साथ आए मानव वर्क-फोर्स को इशारा किया और अपने यानों के कमांडर को मैसेज दिया कि वे यानों को “फायर रेडी” (उड़ने योग स्थिति में) रखें। वह जानता था कि वे तभी तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे अपनी सेफ्टी शील्ड में हैं। यान तक पहुंचने के लिए सेफ्टी शील्ड से बाहर आना जरूरी था। यही कुछ मिनटों का सफर उनके लिए मौत का सफर साबित हो सकता था। पर कुछ भी हो उन्हें यह सफर तो तय करना ही था। बिनानियो ने इशारा किया और उसके अधिकारी सेफ्टी शील्ड से निकलकर यान की ओर भागे। उनके पीछे उनका मानव वर्क-फोर्स अपनी लेसर गन का मुंह पीछे की ओर किए भाग रहा था। 

अपने यानों में बैठकर बिनानियो और उसके साथी जब पृथ्वी की ओर भाग रहे थे तो उन्होंने पाया कि उसके मानव वर्क-फोर्स के कुछ साथी यानों में नहीं है अर्थात उन्हें इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी है। यान तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहे थे। बिनानियो बहुत चिंतित था।

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