गुरुवार, 4 अक्तूबर 2018

लघु विज्ञान कथा---- मिशन पीप इन

“डैम इट”, रूसी गुप्तचर सर्गेई मिखालोविच ने हताशा में अपने हाथ झटके, स्क्रीन पर ब्लिंक कर रहा “नो सिग्नल” का मैसेज उसका मुंह चिढ़ा रहा था।
“इट मीन्स “मिशन पीप इन” इज फ़ेल्ड”, वह बुदबुदाया, “मगर ऐसा कैसे हो सकता है?”
गुप्तचरों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पिछिले कुछ दिनों से अमेरिकी राजदूत को सीरियाई दूतावास में आते-जाते देखा गया था। सीरिया को तो रूस अपना सह्योगी मानता है तो फ़िर सीरियाई दूतावास में अमेरिकी राजदूत की आवाजाही की क्या वजह हो सकती है? यही जानने के लिए के जी बी प्रमुख ने रूसी गुप्तचर सर्गेई मिखालोविच को इस काम पर लगाया था।
सर्गेई ने इस काम के लिए पहले से तैयार और जांची-परखी एक “बगिंग डिवायस” का प्रयोग किया था जिसके परिणामों को लेकर वह काफ़ी उत्सुक था।
यह एक नैनो डिवायस थी जिसमें सुपर कंड्क्टर पदार्थ 2- डी टाइटेनियम कार्बाइड (मैक्सीन) के नैनो कणों को पानी में घोल कर एक बहुत पतली प्लास्टिक की झिल्ली पर पोत दिया गया था जिससे इसका हर अणु एक नैनो-एंटिना की तरह काम करने लगता था। इसमें एक नैनो-माइक्रोफ़ोन और एक नैनोट्रान्समिटर भी लगाया गया था। इसको एक “मेक्सीन बैटरी” से चलाया जाता था। इस बैटरी की खासियत यह थी कि इसको कुछ ही सेकेंड में पूरी तरह चार्ज किया जा सकता था और एक बार चार्ज होने पर यह इस डिवायस को 45 से 50 मिनट तक चला सकती थी। इस डिवायस को आन करने के लिए लगाए गए सूक्ष्म पुश बटन के ऊपर एक सोलर पेनल चिपकाया गया था जिससे कुछ सेकेंड तक प्रकाश मिलने से ही मेक्सीन बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो जाती थी। इस पूरी डिवायस को दोनो तरफ़ से चिपकने वाले पारदर्शी टेप पर चिपकाया गया था।
बड़ी मेहनत और योजना के बाद सर्गेई इस नैनो डिवायस को अमेरिकी राजदूत की कार की पिछिली सीट की सीट बेल्ट निचिले भाग के अंदर चिपकवाने में कामयाब हो पाया था। इसे इस प्रकार व्यवस्थित किया गया था कि जैसे ही राजदूत अपनी सीट बेल्ट बांधेंगे वैसे ही यह डिवायस सीट बेल्ट से छूट कर उनके कोट की साइड से चिपक जाएगी। इससे उनके खड़े रहने के समय यह उनके कोट की बांह के पीछे छुपी रहेगी और बैठते समय मेज के नीचे रहने के कारण इस पर आसानी से किसी की नज़र पड़ने की संभावना करीब-करीब नगण्य थी।
अमेरिकी दूतावास से सीरियाई दूतावास तक का रास्ता सिर्फ़ 10 मिनट का ही था। एक बार डिवायस के सीट बेल्ट से छूट कर उनके कोट की साइड से चिपकने के बाद जसे ही कार में कोई झटका लगेगा तो सीट बेल्ट से दबते ही डिवायस का स्विच आन हो जाएगा और डिवायस काम करना शुरू कर देगी।
गुप्तचरों की सूचना के अनुसार अमेरिकी राजदूत अमेरिकी दूतावास से चल पड़े थे। अब सब कुछ योजनानुसार होना चाहिए था पर यहां तो “नो सिग्नल” की मेसेज मुंह चिढ़ा रही थी।
सर्गेई ने जब अपने गुप्तचरों को फ़ोन किया तो पता चला कि पिछली सीट पर बैठने के कारण आज अमेरिकी राजदूत ने सीट बेल्ट लगाई ही नहीं थी।
“अब क्या किया जाए”, सर्गेई सोच रहा था।
अचानक उसे एक विचार कौंधा।
“अगले चौराहे पर तुम लोग अचानक अपनी कार अमेरिकी राजदूत की कार के सामने निकाल दो, डू इट फ़ास्ट”, सर्गेई फ़ोन पर गुप्तचरों को बता रहा था।
तेज गति से जाती अमेरिकी राजदूत की कार के सामने अचानक एक कार आ गई। कोसते हुए ड्राइवर ने अचानक तेजी से ब्रेक लगाए। अमेरिकी राजदूत उछल कर आगे वाली सीट से टकराए।
“ओह माई गोड, आई शुड नोट बी सो केयरलेस, मुझे अपनी सीट बेल्ट बांध कर चलना चाहिए था, अपने सर की चोट सहलाते हुए अमेरिकी राजदूत सोच रहे थे। अगले ही क्षण उन्होनें बगल से सीट बेल्ट खींच कर बांध ली।
राजदूत की कार एक झटके से आगे बढ़ी। सीट बेल्ट से छूट कर सर्गेई की डिवायस अमेरिकी राजदूत कोट की साइड से चिपकने के बाद आन हो चुकी थी। सर्गेई की स्क्रीन पर सिग्नल आने शुरू हो गाए थे।
“थैंक्यू मिस्टर एम्बेसडर, एट लास्ट यू फ़ोलोड द ट्रेफ़िक रूल्स”, सर्गेई के चेहरे पर मुस्कान खिलने लगी थी।

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